...

13 views

मन की सुंदरता: एक अनमोल खज़ाना


मन की सुंदरता है अनमोल,
न दिखती आँखों से, न सुनाई दे बोल।
यह चुपचाप बसेरा करे दिल के कोने में,
हर धड़कन में जैसे प्रेम के सपने बुनें।

न रंग है इसका, न कोई रूप,
फिर भी यह खिलता है जैसे फूलों का झरना रूप।
न चाहत है इसे किसी प्रशंसा की,
बस चाहिए इसे सच्चे प्रेम की भाषा की।

यह मुस्कुराहट में झलकती है,
यह आँसुओं में पिघलती है।
दूसरों की पीड़ा को समझे,
हर दुख में सांत्वना बन बहे।

मन की सुंदरता है ऐसी मूरत,
जो बनाती है जीवन को मधुर सुर।
कभी न मिटती, कभी न झुकती,
हर एक दिल में है यह सजीव ज्योति।


© All Rights Reserved