तेरे बिन जिन्दगी अधुरी ।
तुम्हारे बिना जिन्दगी अधुरी सी लगती है
हर पल मेरे यादों में बसे रहते हो तुम्ही ।
फिर भी दिल की महफिल सुनी सी लगती है ॥
याद आते है वो लम्हे प्यार भरी शाम के ।
तुम्हारे बिना रात और दिन अब तन्हाईयां डसने लगती है।। '
कैसे ना पुकारू तुम्हे? मेरे दिल आवाज मेरी रूह से निकलती है।
तेरे बिना जिंदगी बिन सावन के आंसू सी बरसती है ॥
ना तेरे आने की खुशी ना जाने का गम ।
नजरें की ख्वाईश बस तेरे दीदार को ही तरसती है।
© shakuntala sharma
हर पल मेरे यादों में बसे रहते हो तुम्ही ।
फिर भी दिल की महफिल सुनी सी लगती है ॥
याद आते है वो लम्हे प्यार भरी शाम के ।
तुम्हारे बिना रात और दिन अब तन्हाईयां डसने लगती है।। '
कैसे ना पुकारू तुम्हे? मेरे दिल आवाज मेरी रूह से निकलती है।
तेरे बिना जिंदगी बिन सावन के आंसू सी बरसती है ॥
ना तेरे आने की खुशी ना जाने का गम ।
नजरें की ख्वाईश बस तेरे दीदार को ही तरसती है।
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