...

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अरमान
छोटी सी है ज़िन्दगी
कितने अरमान,
फिर भी दिल चाहें
छूने को आसमान ।
ऐ जिन्दगी,
कुछ वक़्त दे ।
ऐ वक़्त,
मुझे फिर से वह वक़्त लौटा दे ।

परेशान हूँ मैं
इस समझदारी के दलदल में,
लौटा दे मुझे वो मासूमियत ।
बना दे मुझे एक छोटी सी लड़की,
जिसकी ना थी कोई चाहत ।
बाहर से चुप चाप,
अंदर में जिसकी
भावना की नदी बहती थी ।
सच और झूठ का लुका चुप्पी खेल के,
हलकी फूलकी शरारत कर के,
होठों पे प्यारी सी मुस्कान लेकर
जो दुसरों की मदद करती थी ।

आज मैं खुद को खुद से करती हूं सवाल,
कहाँ गया वो सपनों का महल?
जब मैं छोटी थी,
कितनी अच्छी थी,
वक़्त के साथ साथ
क्यों मैं बदल गयी?

समझदारी के दलदल में,
मैं हूँ परेशान ।
...... और देखो न!
छोटी सी है जिन्दगी,
कितने अरमान ।

© Archana Maharana (Lucky)

#thoughtsofarchanalucky