तेरी पलकों तले आशियां था मेरा
तेरी राह हर रोज़ जाते रहे
कदम दर कदम लड़खड़ाते रहे
मंजिलों की नहीं थी तमन्ना मुझे
तेरे पहलू में सिर को झुकाते रहे
कश्मकश में नजाने क्यूं थे भला
करीब आके...
कदम दर कदम लड़खड़ाते रहे
मंजिलों की नहीं थी तमन्ना मुझे
तेरे पहलू में सिर को झुकाते रहे
कश्मकश में नजाने क्यूं थे भला
करीब आके...