महाभारत युद्ध
अर्जुन का पैर कापा, माधव भी खबराए थे ।
युद्ध भूमि में सबने, अपने सर कटवाए थे ।।
जीवन का परिचय दे कर, माधव ने समझाया ।
सुनो पार्थ कान खोल कर, जीवन मृत्यु में मैं समाया ।।
जीवन मुझे में खिलता है, जीवन का मैं रखवाला ।
मृत्यु का मैं फल दाता, सबको मोक्ष में दिलवाता
अधर्म का विनाश, करो तुम आपने हाथो से ।
धर्म स्थापित होगा, तुम्हारे इन बाणों से ।।
मत भूलो अपराध, जो किया था कोरवो ने ।
लेलो अपने अपमान का प्रण, जो लिया था पांडवो ने ।।
अंत करो सभी महान योद्धाओं का, करके उनका उद्धार ।
© All Rights Reserved
युद्ध भूमि में सबने, अपने सर कटवाए थे ।।
जीवन का परिचय दे कर, माधव ने समझाया ।
सुनो पार्थ कान खोल कर, जीवन मृत्यु में मैं समाया ।।
जीवन मुझे में खिलता है, जीवन का मैं रखवाला ।
मृत्यु का मैं फल दाता, सबको मोक्ष में दिलवाता
अधर्म का विनाश, करो तुम आपने हाथो से ।
धर्म स्थापित होगा, तुम्हारे इन बाणों से ।।
मत भूलो अपराध, जो किया था कोरवो ने ।
लेलो अपने अपमान का प्रण, जो लिया था पांडवो ने ।।
अंत करो सभी महान योद्धाओं का, करके उनका उद्धार ।
© All Rights Reserved