चाहत
ज़िन्दगी टूट के चाहा तुझको,
फिर मैं रेज़ा-रेज़ा बिखर गया।।
और तो क्या होता भला तेरे बिन,
दिन रात रोते-रोते निखर गया।।
ऐ वादा फरामोश...
फिर मैं रेज़ा-रेज़ा बिखर गया।।
और तो क्या होता भला तेरे बिन,
दिन रात रोते-रोते निखर गया।।
ऐ वादा फरामोश...