इनसान आज इनसान न रहा
जानवरों को भी न बक्शे जो
वो इनसान आज इनसान न रहा
दुखियों का दुख भी न हरे जो
वो भगवान आज भगवान न रहा
सच की आवाज दबादे जो
झूठ का झूठ छुपादे जो ...
वो इनसान आज इनसान न रहा
दुखियों का दुख भी न हरे जो
वो भगवान आज भगवान न रहा
सच की आवाज दबादे जो
झूठ का झूठ छुपादे जो ...