मेरी वसीयत ।
वसीहत में मुझे क्या मिला।
पिता से कद मिला
मा से रंग और आंखें।
परमात्मा से आत्मा मिली।
मित्र से सहनशीलता
ज़माने से जिम्मेदारी
रिश्तेदारों से दुनियादारी ।
वसीयत में मुझे भगवान से मौत मिली है
जमाना उसे जिंदगी कहके बुलाता है।
वसीयत में जमीन और पैसे मांगने के मायने तो मैंने कभी सोचे ही नहीं ।
ये मेरी मां के दुलार
पिता के प्यार
यारों के यार होने
से...
पिता से कद मिला
मा से रंग और आंखें।
परमात्मा से आत्मा मिली।
मित्र से सहनशीलता
ज़माने से जिम्मेदारी
रिश्तेदारों से दुनियादारी ।
वसीयत में मुझे भगवान से मौत मिली है
जमाना उसे जिंदगी कहके बुलाता है।
वसीयत में जमीन और पैसे मांगने के मायने तो मैंने कभी सोचे ही नहीं ।
ये मेरी मां के दुलार
पिता के प्यार
यारों के यार होने
से...