सियासत
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सियासत के ऊपर कटाक्ष करती कलम ✍️
फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो,
जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो ।
जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ,
आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो ।।✍️
सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है,
आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती है।
बुलंदी का नशा सिमतों का जादू तोड़ देती है,...