...

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एक बहाना,
एक बहाना, बस एक बहाना ही दूर जाने को काफ़ी था,
दरमियाँ....तो पहले ही हम दोनों के न कुछ बाक़ी था !!

टूट चुकी थी नजराने कब से, डोर मन ही मन रिश्ते की,
और, बस कहने को ही तो मेरा वो दो पल का साथी था !!

दूर तो जाना भी था उसे एक दिन, पर कहता कैसे मुझसे,
फ़िर एक बहाना मिला, जिसे कहते वक्त वो बेबाकी था !!

लाख किए थे जतन मैंने, पर वो पक्का था अपने इरादों पे ,
वो लम्हा जुदाई का, फ़क़त मेरे लिए ही क्यों नमनाकी था !!

गुस्ताखियाँ आँखों की और सज़ा नादाँ दिल को मिल गई,
पल भर के लिए दिल बहलाने वाले को दूर जाने का,
एक बहाना ही काफी था, एक बहाना ही काफी था..
© Mayuri Shah
@Mayuri1609