वतन तेरे नाम
जमाने में कोई यूं किरदार होता।
वफा कोई करता वफादार होता।
हालात मुल्के आजम का बदलता।
कोई ऐसा हकीम खुद्दार होता।
सुकू फिर से होता वतन में हमारे।
वतन में फिर ऐसा सरदार होता।
भूल मजहब ले आलम एकता का।
निकलने वाला एक सालार होता।
© abdul qadir
वफा कोई करता वफादार होता।
हालात मुल्के आजम का बदलता।
कोई ऐसा हकीम खुद्दार होता।
सुकू फिर से होता वतन में हमारे।
वतन में फिर ऐसा सरदार होता।
भूल मजहब ले आलम एकता का।
निकलने वाला एक सालार होता।
© abdul qadir