...

7 views

जान कर हम भी खा रहे हैं फरेब ये शराफत नहीं ताे फिर क्या है
दिल में चाहत नहीं तो फिर क्या है
उनसे रगबत नहीं ताे फिर क्या है

राेज मैं पूछता हूँ हाल उनका
ये माेहब्बत नहीं ताे फिर क्या है

रूठ जाते हाे बेवजह जो तुम
ये शरारत नहीं ताे फिर क्या है

जान कर हम भी खा रहे हैं फरेब
ये शराफत नहीं ताे फिर क्या है

हाे के नाराज फिर भी खुश हूँ शाह
गर ये उल्फत नहीं ताे फिर क्या है


SHAH ALAM BAGI