ये रुक जायेगी
ना तू साँसो का इतना गुमान कर
आख़िर तो इक़ दिन ये रुक जायेगी
बाद तेरे जीवन मे तेरे किरदाऱ क़ी
सिर्फ़ यहाँ दास्तान बाक़ी रह जायेगी
बना है जो कुछ जहान मे मिटेगा भी
ज़मी पर ख़ाली तेरी राख़ रह जायेगी
मिटने से पहले किरदाऱ बना तू बंदे
वरना ली साँसे तमाम बेज़ार रह जायेगी।
© अनिल अरोड़ा "अपूर्व "
आख़िर तो इक़ दिन ये रुक जायेगी
बाद तेरे जीवन मे तेरे किरदाऱ क़ी
सिर्फ़ यहाँ दास्तान बाक़ी रह जायेगी
बना है जो कुछ जहान मे मिटेगा भी
ज़मी पर ख़ाली तेरी राख़ रह जायेगी
मिटने से पहले किरदाऱ बना तू बंदे
वरना ली साँसे तमाम बेज़ार रह जायेगी।
© अनिल अरोड़ा "अपूर्व "