थकने लगा है आदमी....
जिम्मेदारियों से अब थकने लगा है आदमी
खाली पेट भरने में अब थकने लगा है आदमी
सच बोलने में भी तो अब थकने लगा है आदमी
झूठ छिपाने में भी तो अब थकने लगा है आदमी
रिश्ते निभाने में भी...
खाली पेट भरने में अब थकने लगा है आदमी
सच बोलने में भी तो अब थकने लगा है आदमी
झूठ छिपाने में भी तो अब थकने लगा है आदमी
रिश्ते निभाने में भी...