समानता
सब के बिच होनि चाहिये समानता
नहि हे ने चाहिये विभिन्नता
मनुष्य क्यो करता उच निच कि बात
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नहि हे ने चाहिये विभिन्नता
मनुष्य क्यो करता उच निच कि बात
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