क़ाफ़ी है...
शख्सियत को तेरी रूहानियत क़ाफ़ी है...
जज़्बातों को तेरा एहसास क़ाफ़ी है...
सफ़र में तेरा एक साथ क़ाफ़ी है...
सूकू निंद को तेरा एक ख्याल क़ाफ़ी है...
सुबह आंख खुले...
जज़्बातों को तेरा एहसास क़ाफ़ी है...
सफ़र में तेरा एक साथ क़ाफ़ी है...
सूकू निंद को तेरा एक ख्याल क़ाफ़ी है...
सुबह आंख खुले...