...

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मैं उस रोज आऊँगा
न होगा जब कुछ गलत सही
और बिछड़न की बात न होगी
हम तब दुनिया से परे मिलेंगे
हों आज भले हम साथ नहीं
जब मैं तुझमें तू मुझमें होगी
तू जोग बनेगी मैं तेरा जोगी
तब सब रस्ते मेरे साथ मुड़ेंगे
मैं राही होऊंगा तू मंज़िल होगी
कुछ वादे पीछे छूट रहे हैं
सपने नैनों से फूट रहे हैं
तेरे सपनों को जीने आऊँगा
मैं तब तेरे आँसू पीने आऊँगा
रात चाँदनी होगी उस दिन
हम लहरों के साथ चलेंगे
इस बैरी...