...

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इश्क़ में रोने से होता है बे-बाक दिल ।।
चश्म-ए-नमनाक और ग़मनाक दिल,
इम्तिहान-ए-इश्क़ में हुआ चाक दिल।।

कितने सितारों ने दम तोड़ा है इसमें,
ऐ चांद! कैसा है तेरा अफ़्लाक दिल।।

पाक़ चहरे हैं बहुत, नक़ाबों के शहर में
रखते हैं नापाक इरादे, नापाक दिल।।

मासुमों से इल्तिज़ा संभल के रहने की,
हवसनाक लोगों की हैं, खुराक़ दिल।।

चल रही हैं नब्ज़ जब तक, चल रहे हैं
किसी दिन करेगा हमको ख़ाक दिल।।

इक 'राज़' की बात ग़ालिब ने ‌बताई,
इश्क़ में रोने से होता है बे-बाक दिल।।

© भरत 'राज़'

#चश्म-ए-नमनाक - wet eyes
#ग़मनाक - ग़म से भरा हुआ, रंजीदा, मायूस
#चाक - टूटा हुआ, चीरा हुआ
#अफ़्लाक‌ - आसमाँ
#इल्तिज़ा - निवेदन
#हवसनाक - अय्याश, बेहूदा, मतलबी


#ज़िन्दगी #इश्क़
#अधूरा_इंसान #bharat_rawalwas