...

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एक एहसास - दूर पास का


पृथ्वी माँ बनकर
पास रहकर कर रही
प्यार दुलार
तो पापा सूर्य दूर से
क्यों रहे निहार
आपको बेहतर
जीवन देने हेतु
दूर रहकर किरणों का
प्रकाश फैलाते है
उजागर न हो इसलिए
पापा दूर से ही
अपना प्यार लुटाते है
अपनी गर्मी के
अनुशासन से
आपको झूलसाना
नही चाहते है
आकाश आपका ननिहाल है
पृथ्वी माँ का है मायका
जो आप पर
अपनी बूंदों की
बरसात की कृपा
समय - समय पर
बरसाता है रहता
कैसी भी विपति में आपका
साथ जरूर देता
पाताल आपका ददिहाल है
पृथ्वी माँ का है ससुराल
अब जो मिलेगा यही
नही मिलेगा तो भी यही
फिर भी चंदा मामा दूर से
आपको शीतलता देते है
शुक्र मासी आपको
सुबह -सवेरे याद करती है
प्यार दुलार देती है
पृथ्वी माँ का जीवन सूर्य से जुड़कर
पाताल से भी जुड़ जाता है
पृथ्वी की जिंदगी सूर्य के
चक्र लगाकर चलता है
आप मूक बने खड़े हो
पृथ्वी माँ के लाड़ले पुत्र
वृक्ष बने ।