For You
गोधूलि की चमक के सन्नाटे में,
जहां छायाएं नाचती हैं और मंद हवाएं चलती हैं,
दुनिया खुद को कोमल आहों में लपेट लेती है,
जैसे मखमली आकाश में तारे जागते हैं।
चांदनी चाँदी के धागों की तरह बिखरती है,
गोधूलि शय्या पर सपने बुनना,
प्रत्येक किरण एक फुसफुसाहट, मधुर और धीमी,
हृदय के कोमल प्रवाह को पुकारता...
जहां छायाएं नाचती हैं और मंद हवाएं चलती हैं,
दुनिया खुद को कोमल आहों में लपेट लेती है,
जैसे मखमली आकाश में तारे जागते हैं।
चांदनी चाँदी के धागों की तरह बिखरती है,
गोधूलि शय्या पर सपने बुनना,
प्रत्येक किरण एक फुसफुसाहट, मधुर और धीमी,
हृदय के कोमल प्रवाह को पुकारता...