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खामोश रहना सीखा दे
मुस्कुरा कर जो आलिम को भी अपना मुरीद बना ले.......
हो कत्ल सारे आम मगर कोई गुनाहगार न बता सके......
काबिलियत ऐसी की आइयारो को भी अंधा बना दे........
फितरत ऐसी की हर घड़ी नया रंग ,नया चहरा दिखा दे.........
मुस्कुराकर बोले एसे की खामोश रहना सीखा दे.......
© All Rights Reserved
हो कत्ल सारे आम मगर कोई गुनाहगार न बता सके......
काबिलियत ऐसी की आइयारो को भी अंधा बना दे........
फितरत ऐसी की हर घड़ी नया रंग ,नया चहरा दिखा दे.........
मुस्कुराकर बोले एसे की खामोश रहना सीखा दे.......
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