मानवता जिससे सुख पाती
भारत के गणतंत्र पर्व पर
सब को नमन हमारा है।
बृहद कुटुम्ब है भूमंडल
हर मानव हमको प्यारा है॥
———————————
देश मेरा है सत्य सनातन
देश मेरा है पुण्य पुरातन
इसकी अमर ध्वजा लहराती
मानवता जिससे सुख पाती॥
हम आर्यों ने आर्यावर्त का
अद्भुत मान बढ़ाया है
कुटिल विधर्मी कुबिचारी को भी
निज़ बंधु बनाया है
खाकर पीठ पे अगणित खंजर
दुर्भावना नहीं आती
मानवता जिससे सुख पाती।१
कितने दिन हुए कोरोना को
सबको जीवन वरदान दिया
पीड़ित...
सब को नमन हमारा है।
बृहद कुटुम्ब है भूमंडल
हर मानव हमको प्यारा है॥
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देश मेरा है सत्य सनातन
देश मेरा है पुण्य पुरातन
इसकी अमर ध्वजा लहराती
मानवता जिससे सुख पाती॥
हम आर्यों ने आर्यावर्त का
अद्भुत मान बढ़ाया है
कुटिल विधर्मी कुबिचारी को भी
निज़ बंधु बनाया है
खाकर पीठ पे अगणित खंजर
दुर्भावना नहीं आती
मानवता जिससे सुख पाती।१
कितने दिन हुए कोरोना को
सबको जीवन वरदान दिया
पीड़ित...