शांति
आज की शुभा तो बड़ी हसीन थी,
कोयल की कुहू कुहू सुनी,
चिड़िया की आवाज़ सुनी।
इंसानों का कोई शोर नहीं,
ना गाड़ियों का।
ऐसा लगा मानो बहुत सालो बाद ऐसी सुभा अाई,
जहां इतना शनता है,...
कोयल की कुहू कुहू सुनी,
चिड़िया की आवाज़ सुनी।
इंसानों का कोई शोर नहीं,
ना गाड़ियों का।
ऐसा लगा मानो बहुत सालो बाद ऐसी सुभा अाई,
जहां इतना शनता है,...