...

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शांति
आज की शुभा तो बड़ी हसीन थी,
कोयल की कुहू कुहू सुनी,
चिड़िया की आवाज़ सुनी।
इंसानों का कोई शोर नहीं,
ना गाड़ियों का।
ऐसा लगा मानो बहुत सालो बाद ऐसी सुभा अाई,
जहां इतना शनता है,
कोई शोर शराबा ना है,
बस एक शांति है,
शुकून है।
भाग दौड़ वाली ज़िन्दगी में,
अचानक से मिला एक ब्रेक है।
सच कहूं तो यारो,
Corona से डर कर है सही,
हम थोड़ा रुके तो सही,
थोड़ा प्रकृति तो इतने वक़्त बाद सुना तो सही,
डर कर है सही हम थोड़ा सा अपनों के संग रहे तो सही,
हम थोड़ा रुके तो सही।