तुमसे मिली तो
रहमतों की बारिश कुछ ऐसा किया उसने।
बंजर ज़मी में भी पौधों को बोना आ गया।।
उसकी बातें परियों की कहानियों से भी प्यारी थी।
सुनकर उसकी कहानियां मुझे ख्वाबों में खोना आ गया।।
चलते चलते राहों में इक पत्थर क्या चुभा।
ख्यालों में फिर वही मखमल का...
बंजर ज़मी में भी पौधों को बोना आ गया।।
उसकी बातें परियों की कहानियों से भी प्यारी थी।
सुनकर उसकी कहानियां मुझे ख्वाबों में खोना आ गया।।
चलते चलते राहों में इक पत्थर क्या चुभा।
ख्यालों में फिर वही मखमल का...