हाँ तो!
आखिरकार पहुँच ही गए, क्या खुशनसीब हो,
हाँ तो!
क्या चलकर यहाँ तक आए हो?
हाँ तो!
अरे! पांव में छाले है तुम्हारे!
हाँ तो!
बुरी तरह घायल भी हो!
हाँ तो!
कोई साथ नहीं तुम्हारे?
हाँ तो!
मुझे भी दूर जाने को कह रहे,
लहू बह रहा तुम्हारा!
हाँ तो!
कितने हठी हो!
हाँ तो!
मैं जा रहा फिर।
रोका किसने था?
बड़े अज़ीब हो।
हाँ तो!
देखो सब! इसे लगता है,
ये अपने आप उठ जाएगा।
मरने वाला है, फिर भी एसी हसरत!
क्योंकि इतना जानता हूँ मैं,
मेरा ईश्वर मेरे साथ है!
फिर किसी दूसरे की मुझे सहारा देने की
न औकात है, न ज़रूरत!
© J
हाँ तो!
क्या चलकर यहाँ तक आए हो?
हाँ तो!
अरे! पांव में छाले है तुम्हारे!
हाँ तो!
बुरी तरह घायल भी हो!
हाँ तो!
कोई साथ नहीं तुम्हारे?
हाँ तो!
मुझे भी दूर जाने को कह रहे,
लहू बह रहा तुम्हारा!
हाँ तो!
कितने हठी हो!
हाँ तो!
मैं जा रहा फिर।
रोका किसने था?
बड़े अज़ीब हो।
हाँ तो!
देखो सब! इसे लगता है,
ये अपने आप उठ जाएगा।
मरने वाला है, फिर भी एसी हसरत!
क्योंकि इतना जानता हूँ मैं,
मेरा ईश्वर मेरे साथ है!
फिर किसी दूसरे की मुझे सहारा देने की
न औकात है, न ज़रूरत!
© J