चल उठ अब चलता जा।
नई सुबह है, नई किरण, नई नभ की है तरन
पुराने शिकवे शिकायतें भूल आओ रखें नए चरन
जो चाहा था, वो हुआ नहीं
तोह क्यों न, जो है,
उसी में ढूंढे दुआ कहीं
‘कल’ तो यारा बीत गया
‘आज’ को समझ ...
पुराने शिकवे शिकायतें भूल आओ रखें नए चरन
जो चाहा था, वो हुआ नहीं
तोह क्यों न, जो है,
उसी में ढूंढे दुआ कहीं
‘कल’ तो यारा बीत गया
‘आज’ को समझ ...