...

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🌀कालचक्र🌀
समय का पहिया चलता है ,
दिन ढलता है रात आती है।
दूर कहीं नन्हा-सा दीपक जलता है,
उसकी जरा- सी लौ से ही,
कहीं बरसों का मुसाफिर
गिरते- गिरते संभलता है।
समय का पहिया चलता है।
समय- समय की बात है भैया,
समय हंसादे, समय रूलादे,
समय परीक्षा लेता हैं।
समय पहिया चलता है,
दिन ढलता है, रात आती हैं।


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