...

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मतलब के नाते...
कसमें, वादे, प्यार, मोहब्बत सब झूठी जग की बातें हैं
बिन मतलब के जुड़ते कब और कहां किसी से नाते हैं

मोहब्बत की शुरुआत में तो हर ग़लती लगती प्यारी सी
पर वक्त़ बीतते साथ सनम को ऐब नज़र ये आते हैं

अहद-ए-वफ़ा की कीमत चीख-चीख बतलाये प्रियतम
और खुद यक़ीन-ए-कामिल को कदम-कदम आज़माते है

ख़्वाब सितारे-चंदा के हर आशिक दिखलाए लेकिन
बस एक निबाह का वादा भी कहां निभा वो पाते हैं

© random_kahaniyaan