खामोशी की वजह
यूं तो जुबां ख़ामोश ही रहती है मेरी
गुस्ताख हूं, बस नज़रों के तीर चल जाते है
काटी नहीं है,मुंह में ही है,घबराई है
मुंह खोलना मना...
गुस्ताख हूं, बस नज़रों के तीर चल जाते है
काटी नहीं है,मुंह में ही है,घबराई है
मुंह खोलना मना...