...

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Ex😉
भूले तो नही होंगे तुम?

नहीं तुम्हारी आवाज़ आज भी सुनाई देती है
तुम नहीं हो साथ मगर तुम्हारी परछाई दिखाई देती है
तुम्हारे साथ गुज़ारे वक़्त को
मैं आज भी याद किया करता हूं

अब वो गलियां हमे आज भी ढूंडा करती है,
रोज तेरी गली से गुज़रता था मै
रोज तू छत से देखा करती थी,

रोज तेरे ट्यूशन के बाहर खडा रहता था
रोज तू गुरुद्वारे में मेरा इंतजार किया करती थी,

रोज तेरे दोस्त मेरा नाम लेके तुझे चिड़ाते थे
रोज मेरे दोस्त तुझे भाभी कहके बुलाते थे

नहीं भूला मैं हर एक लम्हा जो तेरे साथ बिता है
तू जहाँ भी रहे खुश रहे
वैसे भी इन बातो मे क्या रखा है।।
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