...

10 views

ख़्वाब की ख़ुश्बू......
इक ख़्वाब की ख़ुश्बू में,
हम रोज नये ख़्वाबों के
ताने-बाने बुनते जाते हैं,
हमें नहीं पता ये ख़्वाब
कभी मुकम्मल होगें की नहीं,
पर आज तक कभी भी
किसी ने भी ख़्वाबों को देखने पर
पहरा नहीं बैठाया हैं,
इक ख़्वाब की ख़ुश्बू में,
हम रोज इस उम्मीद में जीये जा रहे कि
ये ख़्वाब किसी दिन तो मुकम्मल होगें।।।।

#my_sb_quote
#mythoughts
#hope
#life&love
#newbeginning
#WritcoQuote
#yourquote
#yqwriter

© -शिवांगी बरनवाल ✍️