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तेरा बिछड़ना 💔........
तेरा बिछड़ना कुछ अंधेरी रातों सा था।
अब मुझे दिन के होने की खबर ही नहीं है।
तुमने अचानक तोड़ा वो सपना।
अब मुझे सच के होने का आभास नहीं है।
जिसे यकीन मानकर जीने लगी थी।
उसके फरेब ने मुझे अकेला किया।
अब मुझे नहीं पता भरोसा क्या होता है।
वो एक हसीन ख्वाब था या मन का वहम ।
जिसे सच मानकर मैं मुस्कुराने लगी थी।
अब मैं क्यों समझूं की प्यार क्या है।
by.......
❣️ anushikha ❣️
अब मुझे दिन के होने की खबर ही नहीं है।
तुमने अचानक तोड़ा वो सपना।
अब मुझे सच के होने का आभास नहीं है।
जिसे यकीन मानकर जीने लगी थी।
उसके फरेब ने मुझे अकेला किया।
अब मुझे नहीं पता भरोसा क्या होता है।
वो एक हसीन ख्वाब था या मन का वहम ।
जिसे सच मानकर मैं मुस्कुराने लगी थी।
अब मैं क्यों समझूं की प्यार क्या है।
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