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चाँद
निहार लूँ तेरी सुन्दरता को
समेत लूँ तेरे निर्मल आंचल को....
डूब जाऊँ तेरी शीतलता में
खो जाऊँ तेरे सफ़ेद महल में....
ऐ चांद तेरी चांदनी की लहरों में ही
गुम होना चाहूँ दिन रात....
ऐ रात ज़रा सा धीमे धीमे से तों गुज़र
जीना चाहूँ हर पल को ,
खूबसूरती के इस अनोखे आलम में....
© it's me sangita 💙
समेत लूँ तेरे निर्मल आंचल को....
डूब जाऊँ तेरी शीतलता में
खो जाऊँ तेरे सफ़ेद महल में....
ऐ चांद तेरी चांदनी की लहरों में ही
गुम होना चाहूँ दिन रात....
ऐ रात ज़रा सा धीमे धीमे से तों गुज़र
जीना चाहूँ हर पल को ,
खूबसूरती के इस अनोखे आलम में....
© it's me sangita 💙
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