...

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माँ
माँ तेरी ध्वनि ही काफ़ी है तृप्त होने के लिए,
तेरी आंचल से बंधी रहु में,
तुझे देख के ही तो तृप्त हू में,
तेरी झलक से सब कुशल,
तेरी वो सहलाते हुए वह पल-
जेसे जन्नत की दर्शन।
तू है तो सब है - तेरे बिन कुछ नहीं,
हर खुशी- हर दुख तेरे संग ही।
तुझे मेरी भी उम्र - खुशियां मिले ,
तू खिलती रह हमेशा -
स्वस्थ से भरी खिलखिलाती रह तू।
माँ तू सबसे प्यारी- सबसे अनोखी है-
तू रह संग हमेशा मेरी - यही दुवा हाँ मेरी।


© _silent_vocal_