खिलना
यकीं नहीं था की तुम फिर से यूं खिलोगे
छोड़ गया था जाने कोई तुम्हे मुरझाया समझ
थोड़ी खुशी...
छोड़ गया था जाने कोई तुम्हे मुरझाया समझ
थोड़ी खुशी...