प्रकृति तू रहम कर
हे!प्रकृति तू रहम कर,
न तू अब इतना सितम कर,
सारी बाधाओं को खतम कर,
अपनी आपदाओं को कलम कर,
क्रोध का तू अपने शमन कर,
है माना ये हमने !
तुमसे किया है...
न तू अब इतना सितम कर,
सारी बाधाओं को खतम कर,
अपनी आपदाओं को कलम कर,
क्रोध का तू अपने शमन कर,
है माना ये हमने !
तुमसे किया है...