...

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2 जून की रोटी
2 जून की रोटी
कभी कच्ची-कभी पक्की
कभी वो भी नसीब नहीं होती
2 जून की रोटी कहना है आसान
मग़र कमाना बहुत ही मुश्किल ...!!
सर्दी गर्मी और वर्षा
अत्यधिक यहां होती.!
उपयुक्त जलवायु ना मिलने से
फसलें पर्याप्त नहीं उगती ..!!
2 जून की रोटी की खातिर
क्या-क्या नहीं करते हम उम्र भर"
धूप में जलते नंगे पांव चलते
मजदूरी करके पेट है भरते
शरद ऋतु वर्षा ऋतु और
ग्रीष्म ऋतु की ताप है सहते,
फिर भी नहीं कभी-कभी
हमें 2 जून की रोटी नसीब होती..!!
पांव में पड़ गए...