रेगिस्तान
ज़िन्दगी का
हर हिस्सा
तरबतर धुप में
जैसे रेत में तब्दील
और धूल भरी साँस
दिल दिमाग पर हावी
जाने पहचाने अजनबी लोग
खबर से ज्यादा
अफवाओं पर चलता शहर
हर चमक के पीछे
घना स्याह अँधेरा
शायद कोई खुद में
झांकना नहीं चाहता
आसान होता है पत्थर मारना
अपने टूटे हुए आईने से
कौन किसे सही गलत समझये
बेहतर है रेत में तब्दील होना
समय के बियावान रेगिस्तान में
© "the dust"
हर हिस्सा
तरबतर धुप में
जैसे रेत में तब्दील
और धूल भरी साँस
दिल दिमाग पर हावी
जाने पहचाने अजनबी लोग
खबर से ज्यादा
अफवाओं पर चलता शहर
हर चमक के पीछे
घना स्याह अँधेरा
शायद कोई खुद में
झांकना नहीं चाहता
आसान होता है पत्थर मारना
अपने टूटे हुए आईने से
कौन किसे सही गलत समझये
बेहतर है रेत में तब्दील होना
समय के बियावान रेगिस्तान में
© "the dust"