चल पड़ा वो राह पर
के चल पड़ा वो राह पर
पाने अपने ख्वाब को,
कोई देखता ही रह गया
नीले आसमान को,
बात फिर वो ये कहे
के हाथ मेरे है बंधे,
तुम अमीर घर में हो जने
ये तुम कहा समझ सके,
कारणों में बंधकर
कोई निहारता है ख्वाब...
पाने अपने ख्वाब को,
कोई देखता ही रह गया
नीले आसमान को,
बात फिर वो ये कहे
के हाथ मेरे है बंधे,
तुम अमीर घर में हो जने
ये तुम कहा समझ सके,
कारणों में बंधकर
कोई निहारता है ख्वाब...