P5 - रिश्तों की सच्चाई
हर रिश्तें में होती है गुंजाईश...
एक ग़लत-फहमी के कोहरे से
नज़र धुँधलाती सुबह की ।
एक तन और रुह को जलाती
ग़ुस्से की कड़ी दोपहर की ।
एक अकेलेपन और अनबन के
काले बादलों में घिरीं शाम की ।
तो कभी,
नाराज़गी के काले अंधेरे में
सन्नाटे सी गुंजती रात की भी ।।
मगर इन सब के बावज़ुद,
उम्मीद की एक सुनहरी सुबह भी होती है,
जो खुशी से खिलखिलाती है और कहती है,
" वो रिश्तें जो दिलों में पैदा होते है,
उनकी उम्र बहुत लंबी होती है ।।"
- विशाल राजेंद्र शिंदे
६ जुन २०१४
एक ग़लत-फहमी के कोहरे से
नज़र धुँधलाती सुबह की ।
एक तन और रुह को जलाती
ग़ुस्से की कड़ी दोपहर की ।
एक अकेलेपन और अनबन के
काले बादलों में घिरीं शाम की ।
तो कभी,
नाराज़गी के काले अंधेरे में
सन्नाटे सी गुंजती रात की भी ।।
मगर इन सब के बावज़ुद,
उम्मीद की एक सुनहरी सुबह भी होती है,
जो खुशी से खिलखिलाती है और कहती है,
" वो रिश्तें जो दिलों में पैदा होते है,
उनकी उम्र बहुत लंबी होती है ।।"
- विशाल राजेंद्र शिंदे
६ जुन २०१४