...

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दोस्ती
आजकल की दोस्ती,
है मतलब की यारी,
जिसमें छुपी नहीं होती,
कोई सच्ची कहानी।
जब तक हो फ़ायदा,
सब साथ चलते हैं,
काम निकल जाए तो,
लोग मुँह फेरते हैं।।।

चेहरे पर हंसी,
दिल में छुपे सवाल,
दिखती है जो दोस्ती,
वो होती है जाल।
जब ज़रूरत हो मदद की,
कोई पास नहीं आता,
खुद की बारी पर,
हर कोई किनारा कर जाता।।

रिश्ते बनते हैं यहाँ,
बस स्वार्थ के धागों से,
दिल से नहीं,
बंधे होते हैं भागों से।
सच्ची दोस्ती कहाँ,
अब ढूँढने से मिलती,
हर कोई सोचता है,
उस से क्या लाभ मिलती।

फिर भी उम्मीद है,
दिल के कोने में कहीं,
शायद कोई मिलेगा,
जो हो सच्चा कहीं।
जो दोस्ती करेगा,
बिना किसी स्वार्थ के,
और साथ देगा,
हर सुख-दुख के राह पर।।

आजकल की दोस्ती,
है बस एक बहाना,
लेकिन सच्ची दोस्ती,
कभी नहीं मिटती....!!!!
Nishu __