पयारी माँ
मुझे इतनी "फ़ुरसत" कहाँ थी कि मैं
तकदीर का लिखा देखता फिरता,
बस अपनी माँ की "मुसकुराहट" देख
कर समझ जाता था
की मेरी तकदीर "बुलंद" हैं .....
तकदीर का लिखा देखता फिरता,
बस अपनी माँ की "मुसकुराहट" देख
कर समझ जाता था
की मेरी तकदीर "बुलंद" हैं .....
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