...

2 views

तुम्हें पुकारेगी रुक्मणी अब
शीर्षक- तुम्हें पुकारेगी रुक्मणी अब..
तुम्हें पुकारेगी रुक्मणी अब,
की अब तो राधा संभल चुकी है।
जो आसूँ निकले विरह व्यथा में,
वो आँसू राधा तो पी चुकी है।
की ये है राधा का प्रेम कान्हा,
की तुम न मुरली बजा सकोगे।
अधर भी राधा का नाम जपते,
की उसको कैसे भुला सकोगे?
भुलाओगे तुम जो उसको कान्हा,
की कौन, सा हक जता सकोगे?
जो उसके आसूँ न देख पाए,
अब क्या बहाना बना सकोगे।
✍️🌺रिया दुबे🌺✍️
Ig-thoughtforourmind
baalkavitayen_by_riyadubey
स्वरचित एवं मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित ©
29/08/2024
©