...

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वो भी क्या थे दिन
आज फिर मौका मिला मां की गोद में सोने का
फिर उन पुरानी यादों में खोने का

वह भी क्या थे दिन
जब ना थी कोई उलझन

बस खाओ पियो ऐश करो
चाहे जितना मर्जी आराम करो

ना कोई जिम्मेदारी थी सिर पर
ना कोई बंदिश थी मुझ पर

सौ सपने थे आंखों में
और उन्हें पूरा करने की होड़ थी दिल में

वह स्कूल जाना और वापस आना
मां के हाथ का खाना खाना

पापा ने फरमाइशें की थी पूरी
रिश्तो में कभी ना...