...

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ठिकाने दो...
भूल गया हूं अपना पता मुझे ठिकाने दो,
देखकर तेरी आँखों में मुझे मुस्कुराने दो।

तुम्ही मेरी मंजिल हो ज़रा पास तो मुझे आने दो,
तक़दीर से लड़कर भी मुझे तुम्हे पाने दो।

जिंदगी के सुने लम्हों में भी प्यार की बरसात होने दो,
अपने जुल्फों के साये में जरा मुझे सोने दो।

तेरी आँखों की गहराई में मुझे डूब जाने दो,
मेरी आँखों में अपनी तस्वीर समाने दो।

अपनी आवाज़ को मेरी पहचान बन जाने दो,
जिस्म भले दो हो पर जान एक बन जाने दो।

मंजूर है मुकद्दर के फ़ैसले फिर भी मुझे गाने दो,
हूँ तेरे प्यार में पागल मुझे झूम जाने दो।

कमबख्त जिंदगी को तेरी पनाहों में सांस लेने दो,
पाकर आसरा तेरा तन्हाई में भी साथ का एहसास पाने दो।

भूल गया हूँ अपना पता मुझे ठिकाने दो...


© jindagi