कागज़ पर अक्सर मैं
कागज़ पर अक्सर मैं लिखता ये रहता हूँ,
खून के आँसू अब मैं रोता रहता हूँ
ना तू जाने ये अब,
क्यों ख़फा है देखो रब
उसे पता चलेगा जब
उनकी सरगमो मे़,
खो गया हूं अब
ना मैं हूं मजबूर अब,
ना मैं हूं दस्तूर अब
अंधेरी राहों में चलता हूं
तुझे मैं...
खून के आँसू अब मैं रोता रहता हूँ
ना तू जाने ये अब,
क्यों ख़फा है देखो रब
उसे पता चलेगा जब
उनकी सरगमो मे़,
खो गया हूं अब
ना मैं हूं मजबूर अब,
ना मैं हूं दस्तूर अब
अंधेरी राहों में चलता हूं
तुझे मैं...