...

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कागज़ पर अक्सर मैं
कागज़ पर अक्सर मैं लिखता ये रहता हूँ,
खून के आँसू अब मैं रोता रहता हूँ
ना तू जाने ये अब,
क्यों ख़फा है देखो रब
उसे पता चलेगा जब
उनकी सरगमो मे़,
खो गया हूं अब
ना मैं हूं मजबूर अब,
ना मैं हूं दस्तूर अब

अंधेरी राहों में चलता हूं
तुझे मैं याद करता हूं
तुम मुझ में समाती हो,
क्या तुम मुझे चाहती हो

यह दिल में इश्क का समंदर था,
खामोश अब तक,
तेरे आने से देखो,
भरा ये जोश अब
लेकिन मुझे जाना ही होगा अब ,
तुझे त्यागना ही होगा अब


मेरा मन कहना चाहता है,
तुझे दिल से लगाना चाहता है
मैं अक्सर प्यार करता हूं,
तुझ पर ही तो मरता हूं
कागज पर अक्सर मैं लिखता ये रहता हूँ
खून के आँसू अब मैं रोता रहता हूँ
© yeshu Goswami