पाकिजा इश्क
उबर जाएगें तेरे रंज-ओ-गम से,,हम गर,,
फिर पाकिजा इश्क,हमसे खफा हो जाएगा,,
अभी दर्द सा दिल मे है,,तो सुकून है,,
क्या करेंगे गर ये जुदा हो जाएगा,,
घर के हर कोने मे,,तेरी खुशबू...
फिर पाकिजा इश्क,हमसे खफा हो जाएगा,,
अभी दर्द सा दिल मे है,,तो सुकून है,,
क्या करेंगे गर ये जुदा हो जाएगा,,
घर के हर कोने मे,,तेरी खुशबू...