पाकिजा इश्क
उबर जाएगें तेरे रंज-ओ-गम से,,हम गर,,
फिर पाकिजा इश्क,हमसे खफा हो जाएगा,,
अभी दर्द सा दिल मे है,,तो सुकून है,,
क्या करेंगे गर ये जुदा हो जाएगा,,
घर के हर कोने मे,,तेरी खुशबू है,,
हवा जो चली रंगीन फजा हो जाएगा,,
तस्बीह के दानो मे तेरा नाम समरती हूं,,
कुछ दिनो मे तू मेरा,,खुदा हो जाएगा,,
इश्क जूनूँ की हद से आगे बढ गया है,,
यही आलम रहा तो हर दर्द दवा हो जाएगा,,
गैर की बाहें तुझे,,सफर की मंजिल लगी,,
इल्म न था,,तू इस कदर बेवफा हो जाएगा,,
फिर पाकिजा इश्क,हमसे खफा हो जाएगा,,
अभी दर्द सा दिल मे है,,तो सुकून है,,
क्या करेंगे गर ये जुदा हो जाएगा,,
घर के हर कोने मे,,तेरी खुशबू है,,
हवा जो चली रंगीन फजा हो जाएगा,,
तस्बीह के दानो मे तेरा नाम समरती हूं,,
कुछ दिनो मे तू मेरा,,खुदा हो जाएगा,,
इश्क जूनूँ की हद से आगे बढ गया है,,
यही आलम रहा तो हर दर्द दवा हो जाएगा,,
गैर की बाहें तुझे,,सफर की मंजिल लगी,,
इल्म न था,,तू इस कदर बेवफा हो जाएगा,,