जहा मायने ना होगे सीरत को
अक्सर तुझे ही ताके सब
क्यों ना मै नजर आऊ,
क्यों परदा रखती मुजपे तू
क्यों खुदको उन्हें में ना समझाऊं,
माना करेंगे वो शादी तुझसे
पर मुझसे भी तो राब्ता होगा,
जब आशियाना बनेगा तुम दोनों का
घर मेरा भी वो तलाशता होगा,
अगर तुझसे ही प्यार मिलना है
तो शादी ही...
क्यों ना मै नजर आऊ,
क्यों परदा रखती मुजपे तू
क्यों खुदको उन्हें में ना समझाऊं,
माना करेंगे वो शादी तुझसे
पर मुझसे भी तो राब्ता होगा,
जब आशियाना बनेगा तुम दोनों का
घर मेरा भी वो तलाशता होगा,
अगर तुझसे ही प्यार मिलना है
तो शादी ही...