दर्द-ए-दिल
इश्क़ ख़ामोश है, लब ख़ामोश हैं।
नजरें खामोश हैं, देख उन्हें आज धड़कनें भी खामोश हैं।
कभी उठते थे जो तूफ़ां दिल में, वो मनचले से मेरे अरमां ख़ामोश हैं।
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नजरें खामोश हैं, देख उन्हें आज धड़कनें भी खामोश हैं।
कभी उठते थे जो तूफ़ां दिल में, वो मनचले से मेरे अरमां ख़ामोश हैं।
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