दिल की फ़रियाद....
मैं राह देख कर थक जाऊं तुम्हारा
ऐसा जिद कभी मत करना
नाराज़गी कितना भी क्यों ना हो
लौट कर तुम मेरे पास आना ।
मैं सुनने के लिए तरस जाऊं...
ऐसा जिद कभी मत करना
नाराज़गी कितना भी क्यों ना हो
लौट कर तुम मेरे पास आना ।
मैं सुनने के लिए तरस जाऊं...